बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, DEO और DPO का वेतन रोका
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग एक्शन में नजर आ रहा है. एक बार फिर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है क्योंकि राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी का वेतन रोक दिया गया है.
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दरअसल शिक्षा अधिकारियों की एक गलती जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को भारी पड़ गई है. जानकारी के मुताबिक उनकी लापरवाही के कारण शिक्षकों का वेतन समय पर नहीं मिल पाया था. जिसको लेकर एसीएस केके पाठक ने समीक्षा की थी, जिसमें अधिकारी की शिथिलता पाई गई. इससे केके पाठक काफी नाराज हुए. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने भी सख्ती दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है.
केके पाठक ने शिक्षा अधिकारियों पर की कार्रवाई
विभाग के वरीय अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी और शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव ने मंगलवार को पत्र जारी कर सभी डीईओ डीपीओ के वेतन पर रोक लगा दी. साथ ही इस पर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. आपको बता दें कि विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 29 अप्रैल को शिक्षा विभाग के एसीएस ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा टीआरई-1 टीआरई-2 के तहत नियुक्त स्कूली शिक्षकों के वेतन भुगतान से संबंधित कार्य प्रगति की समीक्षा की थी. इस समीक्षा में सभी जिलों के स्कूल शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी पाई गई, जबकि इन शिक्षकों का वेतन अविलंब भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं।
लापरवाही के कारण रोका गया वेतन
इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों का वेतन भी भुगतान नहीं किया गया। पत्र में पूछा गया है कि अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी स्थानीय स्तर पर पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण टीआरई-1 टीआरई-2 के तहत नियुक्त शिक्षकों का वेतन समय पर भुगतान नहीं किया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कि शिक्षा विभाग लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहा है।
केके पाठक ने शिक्षा पदाधिकारियों पर की कार्रवाई
लापरवाही बरतने पर रोका वेतन
पत्र लिखकर शिक्षा पदाधिकारियों से मांगा जवाब