रुकने के मूड में नहीं हैं केके पाठक, इन शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा ये अंजाम; तैयारियां पूरी
इन दिनों सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं, लेकिन शिक्षक गर्मी की छुट्टियों का लुत्फ उठाने के लिए दार्जिलिंग, नेपाल आदि जगहों पर नहीं जा पाए।
उन्हें प्रतिदिन स्कूल आना पड़ता है।
एक ओर जहां स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं संचालित की जाती हैं, वहीं दूसरी ओर 7 मई को जिले में लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही विभाग फिर से सख्त हो गया है।
नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। प्रतिदिन ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर वीसी के माध्यम से स्कूलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है। जिसमें लापरवाह शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
लापरवाह शिक्षकों और अधिकारियों पर नकेल कसने की तैयारी पूरी
इसी कड़ी में 8 मई को स्कूल का निरीक्षण नहीं करने वाले 54 निरीक्षण अधिकारियों का वेतन काटा गया, जबकि 10 मई को वीसी का फोटो विभाग को उपलब्ध नहीं कराने पर 138 सीआरसी संचालकों का वेतन काटा गया। लापरवाह शिक्षकों और अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।
नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि विद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास सराहनीय है, लेकिन साथ ही विद्यालयों में संसाधन की आपूर्ति भी जरूरी है। नेता किस्म के शिक्षकों पर लगाम लगी है। शिक्षक समय पर विद्यालय पहुंचते हैं, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में भी विशेष कक्षाएं संचालित करने से अधिकांश शिक्षकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
पहले गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ दार्जिलिंग, नेपाल या अन्य जगहों पर जाने की योजना थी, लेकिन इस बार कहीं नहीं जा सके। प्रतिदिन सुबह आठ से दस बजे तक विद्यालयों में विशेष कक्षाएं संचालित की जाती हैं।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी? डीईओ संजय कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देशों का हर हाल में पालन करना है। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी, कर्मचारी, प्रधानाध्यापक या शिक्षक सभी दंडित होंगे।