बिहार में, कोरोनोवायरस संकट पहले की तुलना में गहरा हो गया है। कोरोना के नए मामलों के आंकड़े दिन-ब-दिन दोगुनी गति से बढ़ रहे हैं। राज्यों की तुलना के दौरान, बिहार ऐसा राज्य बन गया है जहाँ सकारात्मक मामलों की दर सबसे अधिक है। कोरोना के कारण, राज्य सरकार ने बिहार में कई प्रतिबंध लगाए हैं। अब 14 और अप्रैल को सार्वजनिक सुविधा की दो चीजों को बंद किया जा रहा है।
यह पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानी IGIMS में स्थित बिहार के प्रमुख अस्पतालों में से एक है। यहां ओपीडी में 14 अप्रैल से काउंटर फॉर्म नहीं कटेंगे। अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए 14 अप्रैल से ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके लिए एक संशोधित अधिसूचना जारी की गई है।
ऐसे में अगर आप जानकारी के अभाव में अस्पताल पहुंचते हैं, तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 14 मरीजों के पंजीकरण पर्ची पंजीकरण काउंटर से नहीं काटे जाएंगे। दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए, संस्थान प्रशासन ने ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से 12 अप्रैल से ओपीडी का इलाज करने का निर्णय लिया था। हालांकि, सोमवार को सर्वर ठप होने के कारण मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हो सका। पुराने नियम के अनुसार, काउंटर पर पंजीकरण करके काउंटर का इलाज किया गया था।
यही नहीं, संस्थान ने तय किया है कि आने वाले समय में मरीजों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि घंटों तक लाइन में खड़े होने की जरूरत न पड़े। ऐसे में मरीजों को परेशानी से राहत मिलेगी। दूसरी ओर, डॉक्टरों को भी इलाज मिल सकेगा।
15 अप्रैल से नहीं चलेगा बसे
15 अप्रैल से नवादा, नालंदा और शेखपुरा के लिए बसें रामचक बैरिया बस स्टैंड (पटना) से नहीं खुलेंगी। यह फैसला कोविद की वजह से बदली स्थिति को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, बुडको द्वारा डीएम के निर्देश के अनुसार, 15 अप्रैल तक बैरिया बस स्टैंड पर 50 बसों की पार्किंग की व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही थी ताकि नवादा, नालंदा और शेखपुरा जाने वाली बसों को खड़ा करने के लिए जगह की कमी न हो। अगर कोरोना की स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में अन्य शहरों की सेवाएं भी बंद हो सकती हैं।
Source- Prabhat khabar