राजनीति से गुप्तेश्वर पांडेय का हुआ मोहभंग, कथावाचक बन सुनाया पूतना और धारा 370 का कनेक्शन

बिहार के पूर्व डीजीपी व जेडीयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पूर्व डीजीपी के चर्चा में रहने का कारण है उनका कथावाचक अवतार है।
गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने इस नए अवतार को लेकर कहा है कि एक समय ऐसा आता है जब आप जीवन के उद्देश्य को जानना चाहते हैं और ईश्वर को जानना चाहते हैं। मैं कोई अपवाद नहीं हूं। मेरी दिलचस्पी अब भगवान में है और यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है। कथावाचक बन चुके बिहार के पूर्व डीजीपी का कहना है कि अब मेरी राजनीति में जाने में बिल्कुल भी इच्छा नहीं है।

उन्होंने बताया कि मैं 14 साल की आयु से ही हनुमान जयंती जैसे अलग-अलग मौकों पर लोगों को मंदिर में प्रवचन सुनाया करता था। आध्यात्म में मेरी शुरू से रुचि रही है। इसमें नया कुछ नहीं है। सेवा अवधि में भी मैंने कई अनुष्ठानों में हिस्सा लिया, लेकिन ड्यूटी के दौरान ऐसे कथा कहने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैंने तभी ऐसा नहीं किया। मेरा मानना है कि ईश्वर के चरणों में जगह पाना इंसान का अंतिम लक्ष्य है। इसमें न्यूज जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन मीडिया का धन्यवाद उन्होंने मेरे निजी जिंदगी को जनता तक पहुंचाया।

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अयोध्या के एक कार्यक्रम में पूतना वध की कथा सुनाते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि देश की आईपीसी में किसी की हत्या करने के लिए बम और पिस्तौल एकत्रित करना अपराध नहीं है। हालांकि, अवैध हथियार रखना एक अलग अपराध है, मगर किसी की हत्या करने का इरादा रखना अपराध नहीं है। इसी संदर्भ में मैं लोगों को समझा रहा था कि पूतना भगवान कृष्ण की हत्या करना चाहती थी और इसके लिए उसने तैयारी की और उन्हें दूध पिलाया। मगर जब तक उसने भगवान कृष्ण को मारने का प्रयास नहीं किया तब तक वह आईपीसी की धारा 307 की मुजरिम नहीं बनी। एक बार पूतना ने भगवान कृष्ण को मारने का प्रयास कर लिया तो वह आईपीसी की धारा 307 की मुजरिम बन गई।

गौरतलब है कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती को लेकर दिए बयान को लेकर पूर्व डीजीपी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने डीजीपी के पद से वीआरएस ले ली थी। चर्चा थी कि वे चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब सोशल मीडिया पर उनका कथा करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।

कौन हैं गुप्तेश्वर पांडेय
मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने एएसपी, एसपी, एसएसपी, आईजी, आईजी और एडीजी के तौर पर बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं। पांडेय ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया लेकिन टिकट मिला नहीं तो वापस सेवा में आने की अर्जी दी। इसे 9 महीने बाद नीतीश सरकार ने मंजूर कर लिया था। इसके बाद 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दोबारा वीआरएस ली लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी।

Source-hindustan